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आदमी तो सब जगह हैं

बिमला रावर सक्सेना

प्रकाशक : अनुराधा प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 10140
आईएसबीएन :9789385083327

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‘आदमी तो सब जगह हैं’ के सूत्र में पिरोई गयी बिमला रावर सक्सेना की कवितायें उनकी ऐसी आप बीती का झरोखा है।

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

‘आदमी तो सब जगह हैं’ के सूत्र में पिरोई गयी बिमला रावर सक्सेना की कवितायें उनकी ऐसी आप बीती का झरोखा है जिसमें भांति–भांति के रंग हैं, तरह–तरह के भाव हैं और भावनाओं का ज्वार अलग-अलग ऋतुओं की छाप की छत्रछाया में सहज प्रवाह में उदीयमान है। कविता मूल रूप में अपने व्याकरण से तब ही सरोकार रख पाती है जब वह अपने आचरण में प्रवाह का नाद लिये होती है।

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